आपको गणित की बहुत सी किताबें मिलेंगी, जिनमें बहुत सारे सवाल होंगे, उनके हल होंगे और फिर अभ्यास के लिए होगी एक लंबी प्रश्नावली। ऐसी किताबें बहुत जरूरी हैं। लेकिन यह किताब जो आपके हाथों में है, गणित पर होते हुए भी ऐसी नहीं है। इसमें कहानी है। इस किताब में सवाल भी हैं, लेकिन कम हैं। जो हैं, उनकी सविस्तार व्याख्या है, चर्चा है और उन सवालों की बारीकियों का ज़िक्र भी है। लेकिन यह किताब पाठ्यपुस्तक भी नहीं है, न ही उसका विकल्प है। बल्कि यह किताब तो उन बच्चों के लिए है, जो अपनी पाठ्यपुस्तक से संवाद नहीं कर पा रहें हैं। यह पुस्तक उन्हें संवाद करने में सहायक हो सकती है। देखा गया है कि गणित की किताबें आमतौर पर केवल बताती हैं, लेकिन इस किताब में एक शिक्षक ने समझाया है। इसमें गणित की दिलचस्प कहानी के माध्यम से बच्चों की गणित के प्रति जिज्ञासाओं को सवाल-जवाब के रूप में शांत करने की कोशिश की गई है। मुख्य रूप से यह किताब नौवीं कक्षा या उससे ऊपर की कक्षाओं के लिए है। लेकिन चूंकि गणित वास्तव में 9वीं कक्षा से ही शुरू होती है, इसलिए आधार 9वीं कक्षा ही रखा गया है। लेकिन यह किताब उन लोगों के लिए भी मददगार हो सकती है, जो अपने बच्चों को पढ़ाना तो चाहते हैं, किन्तु उनकी खुद की पृष्ठभूमि गणित की नहीं है। उम्मीद है कि यह पुस्तक बच्चों और गणित के बीच की दूरी को कम करके बच्चों में गणित के प्रति प्यार जगा दे।