हनुमानजी से सीखें सफलता और मैनेजमेंट के सूत्र।
विष्व में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जो किसी न किसी कार्य में, कभी न कभी असफल न हुआ हो। कुछ लोग इसलिए अधिक सफल होते हैं क्योंकि वे अपनी प्रत्येक असफलता के कारणों की खोज करते हैं और अगली बार प्रयत्न करते समय सावधान रहते हैं। कुछ लोग दूसरों की सफलता-विफलता का लेखा-जोखा रखते हैं और स्वयं प्रयत्न करने के पूर्व ही अपनी सफलता के पथ का मानचित्र तैयार कर लेते हैं।
किंतु भारत के विशाल प्राचीन साहित्य में एक ऐसा अद्भुत चरित्र भी है, जो कभी असफल नहीं हुआ-वे हैं हनुमानजी। उन्हें नए से नया और कठिन से कठिन कार्य दिया गया और हर बार वे सफल सिद्ध हुए। सफलता भी ऐसी कि उन्हें घर-घर में संकटमोचक देवता के रूप में पूजा जाने लगा।
प्रस्तुत पुस्तक हनुमानजी के जीवन-चरित्र के माध्यम से उन गुणों, भावों, विचारों, व्यवहारों और जीवन-मुल्यों की खोज करती है जिनके होने से हनुमानजी अपने ऊपर आए हर दायित्व, हर कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करते चले गए।
रामायण, महाभारत अथवा ग्रीक त्रासदियों के नायक-प्रतिनायकों के जीवन-वृत्त का विष्लेषण करने पर हम इस निष्कर्ष पर पहुँच सकते हैं कि व्यक्ति की सफलता या विफलता के कारण वस्तुतः उसके अपने व्यक्तित्व में ही सन्निहित होते हैं। ‘सदा सफल हनुमान’ आपको सफलता के उस महान राजपथ पर अग्रसर करने का प्रयास है जिस पर चलकर आप अपनी सफलता सुनिष्चित कर सकें।