क्या वह बाघ ब्रह्मचारी था? कान्हा से पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में आने के बाद उसने महीनों तक बाघिनों में कोई रुचि क्यांके नहीं ली?
क्या कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के बारासिंगे नपंकुसक थे कि तराई से बारासिंगे लाकर नियोग द्वारा वंषवृद्धि का सुझाव दिया गया था?
क्या वह रीछ सुन्दर ग्रामबालाओं में रुचि लेता था?
उस बुलबुल ने लेखक को बार-बार क्यों मारा?
क्या सिंहपुरुष आदमसन ने वन्यप्राणियों का चाल-चलन मध्यप्रदेष के कूनो.पालपुर में सीखा था?
क्या खटमोर पक्षी अज्ञातवास करता है?
क्या मध्यप्रदेष के एक वनमंत्री ने चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन से रीछ का जननेन्द्रिय लाने की फरमाइष की थी?
इस पुस्तक के लेखक घनश्याम सक्सेना ने अपनी जिन्दगी के सबसे महत्वपूर्ण लम्बे साल जंगलों में ही गुजारे हैं, एक अधिकारी के रूप में। इसमें शामिल कहानियों को उन्होंने अपने सामने घटते हुए देखा है।
इस किताब के जरिये आप भी इन कहानियों को दिल और दिमाग में घटते हुए देख सकते हैं। फिर आप अपने आप जंगलों से गहरे रूप से जुड़ जाएंगे और हाँ, जंगल के इन मासूम और प्यारे जानवरों से भी।