‘आधी रात का सच’ किताब गैस हादसे के 25 साल बाद आए भोपाल अदालत के फैसले पर देश-दुनिया में मची हलचल पर आधारित है। इस किताब में लेटलतीफ फैसले के बहाने मीडिया में आई सिलसिलेवार खबरों के जरिए हादसे की तह में जाने की कोशिश की गई है। यूनियन कार्बाइड के आसपास की बस्तियों में रह रहे भोपाल के कई असल पीडि़तों की दिल दहलाने वाली आपबीती के अलावा नेताओं और अफसरों की अंतहीन अनदेखियों को भी इसमें दर्ज किया गया है। हादसे के वक्त जिम्मेदार ओहदों पर रहे अफसरों से सीधी बात है और चुप्पी साधे रहे नेताओं की करतूत पर तीखी टिप्पणियां भी। मीडिया के विद्यार्थियों के लिए इस किताब में कवरेज की दिलचस्प कहानी है।